वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२० दिसम्बर २०१५<br />महर्षि रमण केंद्र<br /><br />दोहा:<br />तत वह तत एक है, एक प्रान दुइ गात<br />अपने जिय से जानिये, मेरे जिय की बात<br /><br />प्रसंग:<br />"अपने जिय से जानिये, मेरे जिय की बात" इस दोहे में कबीर क्या बताना चाह रहे है?<br />संतो की बाते कैसे सुनना चाहिए?<br />संतो की भाषा को भी आम भाषा क्यों समझ ली जाती है?<br />आज कल की शिक्षा प्रणाली में भी संतो के दोहे/संतो की कहानियों को भी आम कहानियों,कॉमिक या चुटकुला की तरह क्यों पढ़ा दिया जाता है?